हिंदी व्याकरण, हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिंदी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा- वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण तथा शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों और वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।
व्याकरण के विभाग- व्याकरण के तीन अंग निर्धारित किये गये हैं-
- वर्ण विचार- इसमे वर्णों के उच्चारण, रूप, आकार, भेद आदि के सम्बन्ध में अध्ययन होता है।
- शब्द विचार- इसमें शब्दों के भेद, रूप, प्रयोगों तथा उत्पत्ति का अध्ययन किया जाता है।
- वाक्य विचार- इसमे वाक्य निर्माण, उनके प्रकार, उनके भेद, गठन, प्रयोग, विग्रह आदि पर विचार किया जाता है।
बोली | |||||||||||||||||||||
भाषा का क्षेत्रीय रूप बोली कहलाता है। अर्थात् देश के विभिन्न भागों में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है और किसी भी क्षेत्रीय बोली का लिखित रूप में स्थिर साहित्य वहाँ की भाषा कहलाता है। | |||||||||||||||||||||
लिपि | |||||||||||||||||||||
किसी भी भाषा के लिखने की विधि को ‘लिपि’ कहते हैं। हिन्दी और संस्कृत भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है। अंग्रेजी भाषा की लिपि ‘रोमन’, उर्दू भाषा की लिपि फारसी, और पंजाबी भाषा की लिपि गुरुमुखी है। | |||||||||||||||||||||
साहित्य | |||||||||||||||||||||
ज्ञान-राशि का संचित कोश ही साहित्य है। साहित्य ही किसी भी देश, जाति और वर्ग को जीवंत रखने का- उसके अतीत रूपों को दर्शाने का एकमात्र साक्ष्य होता है। यह मानव की अनुभूति के विभिन्न पक्षों को स्पष्ट करता है और पाठकों एवं श्रोताओं के ह्रदय में एक अलौकिक अनिर्वचनीय आनंद की अनुभूति उत्पन्न करता है।
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UPSSSC की प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण स्थान है।
HINDI-VYAKARAN pdf for RO and ARO exam.
हिंदी व्याकरण की pdf फाइल डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर click करें
Thanks for needed information of Hindi Grammar.
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